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नवतत्त्वसंग्रहः
२ यंत्र
अपच्चक्खाणी
सर्वमूल १ स्तोक
जीव तिर्यंच पंचेन्द्रिय
देशमूल २ असंख्य १ स्तोक २ संख्येय
.
३ अनंत गुण २ असंख्य ३ असंख्य
मनुष्य
१स्तोक
अर्थ -
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चियाए
३ यंत्र सर्व उत्तरगुण देश उत्तरगुण
अपच्चक्खाणी पच्चक्खाणी
पच्चक्खाणी जीव १ स्तोक २ असंख्य
३ अनंत तिर्यंच पंचेन्द्रिय १स्तोक
२ असंख्य
३ अनंत मनुष्य १ स्तोक
२ संख्य
३ असंख्य (११५) स्थानांगस्थाने दशमे दशविध यतिधर्म नामपाठ
नामपाठ
: अर्थ खंती क्रोधनिग्रह
सच्चे
सत्यवादी | मुत्ती निर्लोभता
संजमे
१७ संयमवान् अज्जवे सरल स्वभाव
८ | तवे
द्वादशभेदी तपवान् मद्दवे मार्दव, अहंकार
प्रतीतकारी घरका रहित कोमल
वस्त्र पात्र अन्य (स्वभाव)
आदिल्पै(से?)
साधूकू दान देवे __५ | लाघवे | द्रव्ये भावे हलका
१० बंभचेरवासे ब्रह्मचर्यके साथ सोवे दश बोलमे 'वास' शब्द इस वास्ते कह्या है जैसे गृहस्थ अंगनाके संग शयन करे है ऐसे शीलकू संग लेके रात्रौ वास करे इति वृत्तौ..
(११६) भगवती (श. ८, उ. ८) परीषह २२ यंत्रकम् __ अष्ट कर्मके षड्विध बंधकमे एक | एकविध बंधक वीतराग कौनसे कर्मके उदय बंधकमे परीषह २२ | बंध छद्मस्थमे । केवलीमे ११
कौनसा परीषह? अस्ति १ अस्ति १
वेदनीयके उदय अस्ति २ अस्ति २
वेदनीयके उदय शीत अस्ति ३ अस्ति ३
वेदनीयके उदय उष्ण अस्ति ४ अस्ति ४
वेदनीयके उदय दंशमशक अस्ति ५ अस्ति ५
वेदनीयके उदय अचेल
चारित्रमोहके उदय
क्षुधा