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नवतत्त्वसंग्रहः नाथ ! मेरी एह प्रार्थना है जो सचमुच आपका समवसरण देखू भक्ति संयुक्त पदपंकज स्पर्शे 'मस्तकेन. (१११)(चक्री आदि संबंधी माहिती) चक्री- | पिता- माता- कुमा- | मंड- | विज-| षट्- दीक्षा- पूर्व- | पूर्व | आग-| गति | आयु अव-| नगरीनाम | नाम | नाम रकाल | लिक-| येसा | खंड-काल| जन्म-जन्म-[ ति | गया गाह| नाम
काल
नाम | नगरी] आया | १ भरत | ऋषभ- सुमं- | पूर्व
पूर्व १/ बाहु | पुंड- सर्वा- | मो- पूर्व | ५०० | विनीदेव | गला | ७७ |१०००
| लाख रीकि- र्थ- | क्ष लाख
लक्ष
| धन
६०
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हजार वर्ष
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मो-| पूर्व | ४५०/ अयो
२ सगर | सुमति || यश- पूर्व | वर्ष | ३
प्र- | विज- राजा | वती |५०० ५० हजार हजार लाख
। य | थ्वी- य
राजा | पुर | विमान
सहस्त्र
| हजार
वर्ष |
लक्ष
न्यून
३ मघ- | समुद्र- 'सुभ-| २५ | वर्ष
वर्ष | १० वर्ष
५०
| शि- | पुंड- | ग्रैवे- | देव- वर्ष वा |विजय द्रा | हजार २५
हजार शिभ | रीकि- यक | लोक ५ | | वर्ष | हजार | वर्ष | लाख | वर्ष | राट् | णी | | ३ लाख
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।
।
वर्ष
४ सन- अश्व- सह- | वर्ष | वर्ष | १० वर्ष १ | "मरु-"महा- सौधर्म | देव- वर्ष | ४१॥ हस्ति
| सेन | ५० | ५० हजार ९० लाख राजा पुरी । १ लोक ३ | धनु नापुर कुमार राट्
हजार हजार वर्ष | हजार वर्ष ५ शांति- विश्व- अचि-| वर्ष | वर्ष | वर्ष | वर्ष | वर्ष |
मो-| वर्ष | ४० गजनाथ | सेन | | २५ | २५ ८००/२४२- २५ |
पुर राट्
हजार हजार
राजा किणी| सिद्ध ६ कुंथु- सूरसेन | श्री- २३७-| वर्ष | वर्ष | वर्ष वर्ष | 'सिंह-| "सु-| सर्वा- | मोनाथ | राट् | राणी | | ५० |२३७-६००२३१-२३७- सीमा| थे | क्ष। ९५ | धनु
५० ५० | ५० राजा ७ अर-सुदर्शन देवी | वर्ष वर्ष | वर्ष | वर्ष | वर्ष | धन- अप- मो- वर्ष | ३० गज
राणी। २१ ४००/२०६३ | पति | क्षेम-| राजि-|| हजार हजार
राट् | पुरी | त । ८ सुभूम कीति- तारा- वर्ष |
दीक्षा कैना-धन- जयंत | ७ | वर्ष २८ वीर्य | राणी
भ | परी
| पूरी | विमा-| मी ६० धनु| पुर हजार हजार
राजा | | न | नरक सहस्त्र ९ महा- पद्मो- | ज | वर्ष | वर्ष | वर्ष | वर्ष | वर्ष | "वित- बी-| अच्यु- मो-| वर्ष २० हस्ति'पद्म | त्तर | (ज्वा) | ५००
धनु | नापुर राजा | लादेवी
हजार| राजा | शोका
सहस्त्र १. मस्तक वडे। २-१२. आ तेमज बीजां पण केटलांक नामो त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्रथी जुदां पडे छे ते विचारणीय छ ।
नाथ
पुर
गज
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