Book Title: Mayavi Rani
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मायावी रानी और कुमार मेघनाद खड़े होकर, महाराजा मदनसुन्दर को नमस्कार किया। सभी उपस्थित राजाओं का अभिवादन करके अपना वक्तव्य प्रारंभ किया। कुमार मेघनाद भी एक आसन पर बैठ गया था। 'हमारे निमंत्रण से स्वयंवर में पधारे हुए सभी माननीय महाराजा एवं राजकुमार, शायद आप तक समाचार पहुँच ही गये होंगे कि आज सबेरे-सबेरे राजमहल के झरोखे में बैठी हुई राजकुमारी मदनमंजरी का अदृश्यरूप से अपहरण हो गया है। बड़ी दर्दनाक एवं करुणताभरी घटना हो गयी है। महाराजा मदनसुन्दर ने अभी तक पानी का छूट भी मुँह में नहीं डाला हैं। महारानी तो समाचार सुनते ही बेहोश होकर गिर गयी थी...| बड़ी मुश्किल से अनेक उपचार करने के बाद उनकी बेहोशी दूर हुई है... फिर भी उनकी आँखें गंगा-जमुना की तरह बह रही हैं। सभी रिश्तेदार व स्नेही-स्वजन विलाप कर रहे हैं। अकल्प्य आपत्ति ने घेर लिया है हमें। राजकुमारी का इस तरह से अपहरण करने वाला कोई सामान्य मनुष्य तो हो नहीं सकता! कोई देव हो... दानव हो, या कोई विद्याधर राजा भी हो सकता है...। या फिर किसी अंजनसिद्धिवाले आदमी का यह कार्य हो सकता है। आकाशगामिनी विद्याशक्ति के जरिये यह कार्य किया गया हो! हमने घुड़सवार सैनिकों को चारों दिशाओं में तलाश करने के लिये दौड़ाये हैं! ___ महानुभावों! हमारी राजकुमारी ने पति की पसंदगी के लिये जो प्रतिज्ञा घोषित की हैं... वह आप भली-भाँति जानते ही हैं। फिर भी मैं वह प्रतिज्ञा आपके सामने पुनः घोषित कर रहा हूँ...। राजकुमारी की प्रतिज्ञा यह है कि 'जो कोई पुरुष शब्दवेध, धनुर्विद्या, समग्र भाषा, शिल्पशास्त्र व अष्टांग निमित्तशास्त्र का जानकार होगा, वही मेरा पति होगा।' राजेश्वरों, आप में से कोई भी यदि वैसी योग्यता रखते हों तो... वे कृपा करके खड़े हों और यहाँ पर पधारें...। एवं अपने निमित्तज्ञान से हमें बतायें कि राजकुमारी का अपहरण कर कौन उसे उठा ले गया है? और अभी राजकुमारी कहाँ पर-किस हाल में है? निमित्तशास्त्र के ज्ञान से यह बात बतायी जा सकती है। इतना ही नहीं वरन् शिल्पकला से वह महापुरुष लकड़ी का गरुड़ पक्षी बनाकर, उस पर सवार होकर जहाँ पर राजकुमारी है वहाँ जाए। युद्धकला से अपहरण करने वाले को हराकर, राजकुमारी को लेकर वापस यहाँ पर आए। हम उसका भव्य स्वागत करेंगे एवं बड़ी खुशी एवं उल्लास के साथ शानोशौकत से उस महापुरुष के साथ राजकुमारी की शादी करेंगे।' For Private And Personal Use Only

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