Book Title: Mayavi Rani
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 115
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पराक्रमी अजानंद १०५ खुद भी तीर और कमान के साथ लैश होकर गये थे। राजा को हिरनों का शिकार करना था। जंगल में पहुँच कर राजा ने तीरों की वर्षा करनी शुरू कर दी। बेचारे भोले-भाले हिरन पेड़ से गिरते पत्तों की भाँति तीर खा-खाकर गिरने लगे। इधर सैनिक लोग भालू इत्यादि जंगली जानवरों का शिकार करने लगे। राजा स्वयं हिरनों के पीछे दौड़ते-दौड़ते जंगल में काफी दूर निकल गये। आकाश में सूरज आग बरसा रहा था। राजा पसीने से नहा उठा। और प्यास के मारे उसके प्राण गले तक आ गये | पानी के लिये राजा इधर-उधर देखता रहा इतने में उसने थोड़ी दूरी पर पानी से भरा हुआ एक सरोवर देखा । बस, अंधे को चाहिये क्या, दो आँखें! राजा तो खुश होकर सरोवर में उतरा और हाथों की अंजलि में पानी भर करके पीने लगा... पर अरे! यह क्या हो गया? जरा सा पानी राजा के पेट में पहुँचा न पहुँचा, इतने में तो राजा आदमी के बदले बाघ बन गया। कैसा बाघ? एकदम खूखार बाघ! बड़ी-बड़ी आँखें, आग की तरह लपकती जीभ! नुकीले पंजे! इतना डरावना और भयावना बाघ था की बस! देखो तो बेहोशी आ जाये! ३. अजानन्द उसी सरोवर में! अजानंद बड़ी उत्सुकता के साथ द्वाररक्षक सैनिक की बात सुन रहा था। उसके चेहरे पर आश्चर्य के भाव उभर रहे थे। उसने पूछा : 'महाराजा बाघ तो बन गये लेकिन बाद में क्या हुआ?' 'राजकुमार नरसिंह जो कि महाराजा का इकलौता पुत्र था, वह बहुत से सैनिकों को लेकर उसी जंगल में महाराजा के पीछे आ रहा था। उसने अपनी आँखों से महाराजा को बाघ बनते हुए देखा। वह स्तब्ध रह गया । उसे सारे शरीर में घबराहट के मारे पसीना छूटने लगा : 'अरे! अरे! मेरे पिताजी को यह क्या हो गया? मेरे पिताजी बाघ कैसे बन गये? यों चिल्लाता हुआ वह दौड़ा और सरोवर के पास आया । इतने में तो बाघ ने छलाँग लगायी और वह राजकुमार पर टूट पड़ा। देखते ही देखते उसने राजकुमार को चीर डाला। पिता ने खुद अपने पुत्र की हत्या कर दी। सैनिक तो सभी पत्थर के पुतले की तरह खड़े रह गये । बाघ को मारे भी तो कैसे मारे? क्योंकि वे जानते थे कि यह बाघ ही हमारा राजा है। राजकुमार को इस तरह बेमौत मरा हुआ देखकर सैनिकों का दिल दहल उठा। वे जोर-जोर से रोने लगे। For Private And Personal Use Only

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