Book Title: Mayavi Rani
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 60
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५० श्रेष्ठिकुमार शंख नाम की एक बड़ी गूफा दिखायी देती है। उस गुफा में अंदर ही अंदर चार मील तक चलते रहें तब पातालकन्याओं के निवासस्थान आते हैं...। वहाँ पर महलों में वे सुंदर पातालकन्याएँ रहती हैं... यदि तुम्हारी वहाँ जाने की इच्छा होगी तो मैं तुम्हें ले जाऊँगा। तुम्हारे जैसे पराक्रमी और सुंदर-सलोने कुमारों को देखकर वे पातालकन्याएँ स्वयं तुम्हारे पास चली आयेंगी और तुम्हारे गले में वरमाला पहनायेंगी। बाबा का नाम 'ज्ञानकरंडक' था। वह बड़ा ही चालाक ठग था। बड़ा दुष्ट था। मीठी-मीठी बातें करके औरों को फँसाता था और अपनी बात मनवाता था। उसकी बातें सुनकर चारों मित्रों को आश्चर्य हुआ। बाबा को किसी ने कुछ जवाब नहीं दिया। हालांकि, इधर राजकुमार के मन में तो पातालकन्याओं को देखने की तीव्र इच्छा जाग उठी थी, फिर भी वह कुछ बोला नहीं...गंभीर रहा...और वहाँ से उठकर दोस्तों के साथ राजमहल में गया। चारों मित्र साथ-साथ भोजन करने बैठे | राजकुमार ने तो जरा-सा खाना खाया न खाया...और खड़ा हो गया! उसके चेहरे पर उदासी उतर आई थी। बुद्धिशाली मित्र उसकी बेचैनी का कारण जान गये थे, फिर भी उसे पूछा : 'भुवनचन्द्र, तू आज बड़ा चिंतित दिखाई दे रहा है... क्या बात है?' कुमार तो मौन रहा। शंख ने कहा : 'कुमार, उस बाबा की बात सुनकर तुम्हारे मन में पातालकन्याओं के देश में जाने की इच्छा जगी है ना? पर कुमार... मुझे तो उस बाबा पर संदेह है। वह ठग प्रतीत होता है। ऐसे लोग 'मुँह में राम मन में छुरी' रखते हैं। इसलिये ऐसे लोगों की बातों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। इनकी चिकनी चुपड़ी बातों में नहीं आ जाना चाहिए | मैं तो यह मानता हूँ।' राजकुमार ने कहा : 'शंख, बिल्कुल निःस्वार्थ और निर्दोष जीवन जीनेवाले ऐसे योगीपुरुष क्यों झूठी बात करेंगे? उन्हें अपने से भला क्या स्वार्थ होगा? ये तो बड़े जानकार योगी होते हैं...| संतोषरूप अमृत होता है इनके पास! तू नाहक शंका-कुशंका कर रहा है...। अपनी किस्मत खुल गई समझ! यदि ऐसे योगी की अपने ऊपर मेहरबानी हो जाये!' शंख चुप रहा। वह राजकुमार के जिद्दी स्वभाव को जानता था। राजकुमार जो बात पकड़ लेता उसे छोड़ना वह समझा ही नहीं था । सोम और अर्जुन भी खामोश रहे...। For Private And Personal Use Only

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