Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1981
Author(s): Gyanchand Biltiwala
Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur

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Page 12
________________ मंत्री पर्यटन तथा नागर विमानन मंत्रालय नई दिल्ली दिनांक : 13 अप्रैल, 1981 सम्यमेव जयते संदेश मुझे यह जानकर प्रसन्नता है कि राजस्थान जैन सभा, जयपुर भगवान महावीर की पावन जयन्ती पर एक बृहद स्मारिका के प्रकाशन का आयोजन कर रही है । इस अवसर पर मेरी ओर से बधाई। भगवान महावीर ने जात-पात, शोषण, सामाजिक अन्याय के विरुद्ध अहिंसा, उपरिग्रह, क्षमा, समानता का प्रचार किया और मन, वचन तथा कर्म की एकता पर बल दिया । वस्तुतः वे एक ऐसे महापुरुष थे जो सिद्धान्तों को व्यवहारिक जीवन में उतारने के काबिल थे। मुझे आशा है कि इस अवसर पर प्रकाशित की जाने वाली स्मारिका में जो सामग्री प्रकाशित होगी, उससे जनता में राष्ट्रीय एकता, धर्म निरपेक्षता ऑर सामाजिक प्रगति की भावनाओं को बढ़ावा मिलेगा। शुभ कामनाओं और सद्भावनाओं सहित । अनन्त प्रसाद शर्मा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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