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सेठ मूलचन्द सोनी मार्ग, अनूप चौक, अजमेर
परस्परोपकाही जीवानाम
यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता है कि राजस्थान जैन सभा के तत्वावधान में विश्ववंद्य भगवान महावीर की २५७६ वीं जन्म जयन्ती पर स्मारिका का प्रकाशन हो रहा है।
वर्तमान विश्व की स्थिति बड़े कठिन समय से गुजर रही है। प्रतिदिन का जीवन भी अशान्त और संघर्षमय हो रहा है, उनमें शान्ति, निराकुलता और धैर्य धारण हेतु भगवान के अहिंसा, अनेकान्त और अपरिग्रह आदि के सिद्धान्त अमृतमयी हैं।
स्मारिका उन सिद्धान्तों का प्रचार व प्रसार करेगी इसी भावना के साथ मैं स्मारिका की सफलता चाहता हूँ।
भागचन्द सोनी
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