Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1981 Author(s): Gyanchand Biltiwala Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur View full book textPage 9
________________ Jain Education International अत्यधिक जयत राज भवन जयपुर मार्च 26, 1981 संदेश मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि राजस्थान जैन सभा, जयपुर महावीर जयन्ती के पावन पर्व पर एक स्मारिका प्रकाशित कर रही है। जब तक समाज का नैतिक स्तर ऊंचा नहीं उठता राष्ट्र की वास्त ठिक उन्नति सम्भव नहीं है। जैन दर्शन हमारी संस्कृति की पावन धरोहर है। जैन आचार्यों ने सत्य, अहिंसा और त्याग द्वारा जीवन में आवरण को सुधारने के लिए महान प्रयास किये है। 1 For Private & Personal Use Only आज विश्व में सर्वत्र व्याप्त अशान्ति और असन्तोष का बहुत कुछ समाधान भगवान महावीर के अपर संदेश द्वारा सम्भव हो सकता है। महावीर जयन्ती के अवसर पर हमें उनके बताए मार्ग पर चलने तथा जन कल्याणकारी सिद्धान्तों को अपने जीवन में आत्मसात करने का संकल्प दोहराना है। इस अवसर पर में अपनी शुभ कामनाएं प्रेषित करता हूं तथा आश्रा करता हूं कि यह स्मारिका भगवान महावीर की वाणी के प्रचार प्रसार में सहायक सिद्ध होगी । रघुकुल तिलक www.jainelibrary.orgPage Navigation
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