Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1981
Author(s): Gyanchand Biltiwala
Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur

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Page 8
________________ ग्रीन हाऊस जयपुर 6 अप्रेल, 1981 संदेश कुछ अभिव्यक्त होते हैं कुछ अभिव्यक्त किये जाते हैं। भगवान महावीर का जीवन स्वयं एक अभिव्यक्ति हैं। उनकी साधना स्वयं मुखर । उसके लिए किसी को मुखर होने की आवश्यकता नहीं है । फिर भी हमारी दुनियां में जागरूकता की कम अपेक्षा नहीं है । अजागृत को जागृत करने के लिए समय-समय पर प्रयत्न अपेक्षित होते हैं। महावीर जयन्ती के अवसर पर प्रति वर्ष प्रकाशित होने वाली स्मारिका एक स्वस्थ प्रायास है, इसमें भगवान महावीर के जीवन, दर्शन, साधना आदि के अनेक महत्वपूर्ण बिन्दु उजागर हुए हैं। इसका निरन्तर विकास होता रहे । युवाचार्य महाप्रज्ञ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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