Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1981
Author(s): Gyanchand Biltiwala
Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur

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Page 10
________________ पैट्रोलियम तथा रसायन मंत्रो भारत सरकार नई दिल्ली-110001 10 अप्रेल, 1981 संदेश मुझे यह जानकर प्रसन्नता है कि राजस्थान जैन सभा, जयपुर में भगवान महावीर की 2579 वी जयन्ती की पावन स्मृति में एक स्मारिका प्रकाशन करने जा रही है। जैन धर्म के प्रवर्तक एवं अहिंसा के सर्वांगीण व्याख्याकार भगवान महावीर ने समस्त मानव समुदाय को अनेकों उपदेश दिये हैं । यू तो सभी उपदेश मानव जाति में व्याप्त जाति-पांति, उच्च-नीच, वर्ण भेद आदि बुराइयों को समाप्त करने में अत्यन्त उपयोगी हैं परन्तु 'अहिंसा' का जो उपदेश भगवान महावीर ने दिया उसका अपना विशिष्ट स्थान है। यह सर्व विदित है कि इसी अहिंसा के बल पर महात्मा गांधी ने भारत जैसे विशाल देश को स्वतन्त्र कराया। आधुनिक युग में, जहां हर बात के समाधान के लिए केवल हिंसा का सहारा लिया जाता हे, अहिंसा प्रचार-प्रसार की नितान्त आवश्यकता है। मुझे आशा है कि राजस्थान जैन सभा उक्त स्मारिका के माध्यम से भगवान महावीर के सिद्धान्तों उपदेशों को जन-जन तक पहुंचा पाएंगे और आधुनिक युग में उनकी उपयोगिता का बोध करा पाएंगे। मैं आपके प्रयास एवं स्मारिका की पूर्ण सफलता के लिए शुभकामना करता हूं । प्रकाशचन्द सेठी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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