Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1981 Author(s): Gyanchand Biltiwala Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur View full book textPage 6
________________ Jain Education International संदेश महावीर जयन्ती के अवसर पर प्रत्येक जैन को ऐसा संकल्प करना चाहिए कि आत्म शुद्धि एवं राष्ट्र की उन्नति के लिए वह अपने व्यवहार में अधिकाधिक नैतिकता लाने का सच्चा प्रयत्न करेगा । जब तक हमारे देश के व्यक्तियों में नैतिकता नहीं आयेगी तब तक हम राष्ट्र को कभी ऊँचा नहीं उठा सकते | भगवान महावीर के उपदेश हमें यही सिखलाते हैं । उन्होंने सबसे अधिक जोर आत्म शुद्धि पर दिया है । मनुष्य में अगर नैतिकता प्रा जाए, उसका आचरण निर्दोष हो जाए तो उसकी सभी समस्याएँ हल सकती है । T भगवान महावीर के सर्व जीव समभाव, सर्व जाति समभाव और सर्व धर्म समभाव के पुनीत सिद्धान्तों के प्रचार व प्रसार हेतु महावीर जयन्ती के अवसर पर राजस्थान जैन सभा एक स्मारिका का प्रकाशन कर रही है, इसकी मुझे प्रसन्नता है । कार्यकर्ताओं एवं पाठकों में उत्तरोत्तर धर्म वृद्धि हो इस शुभ भावना के साथ, एलाचार्य मुनि विद्यानन्द For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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