Book Title: Mahamani Chintamani Shree Guru Gautamswami
Author(s): Nandlal Devluk
Publisher: Arihant Prakashan

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Page 784
________________ 99999999999999 Guest मेवाडे दश रत्नानि यात्रा करवा पधारो। घणो आनंद आवशे। 8938888888058 (१) आयड-तपागच्छ का उद्गम स्थल : उदयपुर हाथी पोल से ३ km . दूर। प्राचीन चार विशाल जैन मंदिर हैं। आचार्य श्री जगतचंद्रसूरि को सतत बारह वर्ष की आयंबिल तपस्या से प्रभावित होकर राणा जैतसिंह ने 'तपा' बिरुद दिया था। आप तपागच्छ के प्रथम आचार्य हुए। (२) भावि तीर्थंकर पद्मनाभ स्वामी तीर्थ : उदयपुर में सरूप सागर तालाब के किनारे भव्य जिनालय में नौ फुट की पद्मासन प्रतिमा भारत भर में अद्वितीय है। धर्मशाला, भोजनशाला आदि सभी सुविधाएं हैं। (३) अदबदजी शांतिनाथ जैन श्वे. तीर्थ : उदयपुर से १८ km. दूर हाईवे नं. ८ पर। ११३ इंच की श्याम प्रतिमा विशाल मंदिर में बिराजमान है। हाइवे से मंदिर तक १ km. पक्की सड़क है। (४) देलवाडा (देवकुलपट्टण) प्राचीन तीर्थ उदयपुर से २५ km. दूर हाइवे नं. ८ पर ऐतिहासिक चार भव्य मंदिर हैं। भोयरे में बिराजमान अति प्राचीन विशाल प्रतिमाओं की महिमा अवर्णनीय है। (५) खमनौर नेमिनाथादि पंचतीर्थ : हल्दीघाटी के पास महाराणा प्रताप व राजा मानसिंह की युद्धस्थली रक्त-तलाइ से आधा फलाँग दूर भव्य पांच प्राचीन जैन मंदिर हैं। नाथद्वारा १६ km . दूर है। (६) करेडा पार्श्वनाथ तीर्थ-भोपाल सागर उदयपुरसे ७० km. दयालशा किला से ६५ km. दूर। बावन जिनालय भव्य तीर्थ हैं। विशाल धर्मशाला, भोजनशाला, आयंबिल खाता है। तीर्थ बस-स्टेन्ड के पास व रेलवे स्टे. से १ km. है। (७) किला माण्डलगढ जैन श्वे. तीर्थ : भीलवाडा से 50 km. | कोटा-चित्तौड बडी रेल्वे लाइन पर है। "शंखेसर केसरियो सार" केशरियाजी के जामुनी रंग की प्राचीन प्रतिमा, शंखेश्वर पार्श्व प्रभु की दुग्धोज्ज्वल प्रतिमा कांच के मंदिरो में बिराजमान है। प्राकृतिक छटा अवर्णनीय है। गांव में मंदिर व उपाश्रय।। है। गांव से किला 1 km.| (८) चितौड़गढ–भव्य ऐतिहासिक तीर्थ : किले पर सात बीस देवरी मंदिर व पालीताणा का सोलहवां उद्धारक कर्माशाह के दो मंदिर। गांव में धींगो का भव्य मंदिर दर्शनीय है। यह आ. श्री हरिभद्रसूरि की जन्मभूमि है। (E) दयालशा किला जैन श्वे. तीर्थ : उदयपुर से 65 km. राजनगर कांकरोली के बीच सुहावनी पहाड़ी पर राजसमन्द झील के किनारे तिमंजिला चौमुख आदिजिन भव्य मंदिर तथा पुंडरीकस्वामी, शांतिनाथजी तलहट्टी मंदिर, गुरु गौतम मंदिर, भोजनशाला, धर्मशाला, आयंबिल खाता है। फोन 149 कांकरोली एक्स्चें ज। (१०) श्री ऋषभदेवजी जैन तीर्थ बनेडा भीलवाड़ा से 20 km. दूर 23 सुवर्ण कलशयुक्त अति विशाल तीन गर्भगृहयुक्त जिन मंदिर में अनोखे पाषाण से निर्मित श्री ऋषभदेवजी की सात प्रतिमाएं हैं। . शा. सुकनराज सागरमलजी पोरवाल, रानीगांव (राज.) जिला पाली के सौजन्य से प्रसारित। 0000000000000000000000

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