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मदनपराजय
"राजा एक बार कहते हैं, पण्डित एक बार कहते हैं और कन्याएं एक बार दी जाती हैं। ये तीन काम एक बार ही होते हैं।"
इस प्रकार ठक्कुर माइन्ददेवके द्वारा प्रशंसित जिन (नाग) देव-घिरचित मदनपराजयमें काम-सेना-वर्णन नामका
तृतीय परिच्छेद समाप्त हुआ ।