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चतुर्थ परिच्छेद
[ १७५ "बलवान् भी अविश्वस्त दुर्बलोंको नहीं बाँध सकते, और विश्वस्त होकर बलवान् भी दुर्बलोंके द्वारा सरलतासे बाँध लिये जाते हैं।"
कामने इस प्रकार सोच-विचार करने के उपरान्त अपना शरीर सर्पया ध्वस्त कर दिया और अनङ्ग होकर युवतियोंकी हृदय-कन्दरामें प्रवेश कर गया।
इस अवसरपर इन्द्र ब्रह्मासे कहने लगे-देव, देखिए. देखिए, फामदेव अनङ्ग होकर अदृश्य हो गया है ।
इस प्रकार ठक्कुर माइन्ददेवके द्वारा प्रशंसित जिन (नाग) देवविरचित संस्कृतबद्ध मदनपराजयमें अनङ्ग-मन
नामक चतुर्थ परिच्छेद पूर्ण हुआ।