Book Title: Karmpath
Author(s): Premnarayan Tandan
Publisher: Vidyamandir Ranikatra Lakhnou

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Page 37
________________ ( ३५ ) कच जो आज्ञा; कर्मपथ होगा यही अब मेरा। [ झुक गया पुत्र तभी चरणों में पिता के । पुलकित हो अति वृद्ध पिता ने काँपता कर दाहना रखा मस्तक पर उसके । आँखों में उनकी दोनों आँसू भर आये थे। ] यवनिका )

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