Book Title: Karmpath
Author(s): Premnarayan Tandan
Publisher: Vidyamandir Ranikatra Lakhnou

View full book text
Previous | Next

Page 96
________________ राजीव पुरुषां को फटकार वाला हिस्सा निकाल देंगी या.... .. निरंजना ( मालती की ओर देखकर साभिमान ) और कड़ी फटकार दूंगी। राजीव ऐसा करने से लाभ क्या होगा ? निरंजना लाभ हो या न हो, जिसके जैसे कर्म होंगे, कहा ही जायगा । राजीव तुम्हारा लेख मालती के नाम से छाप दूँ ? निरंजना नहीं। क्यों ? । राजीव अपने नाम से छाप दूँ तो ? निरंजना (कुछ सोचती हुई ) अच्छा, छाप दोजिए। मैं मैं तो उसे छपा देखना चाहती हूँ। राजीव अर्थात् आज के पुरुष को फटकारा जाय, कोई भी फटकारे । (हँसता हैं ) अच्छी बात है। सुधार देना उसे। किसी न किसी

Loading...

Page Navigation
1 ... 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129