Book Title: Karmpath
Author(s): Premnarayan Tandan
Publisher: Vidyamandir Ranikatra Lakhnou

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Page 120
________________ ( १२० ) करने का है, तुम भी उससे प्रेम करना । (सेनानायक का चार सैनिकों के साथ प्रवेश । ईसा को घेर कर चारो सैनिक खड़े हो जाते हैं ।) ईसा आओ भाई, स्वागत ! कैसे कष्ट किया इस समय ? सेनानायक आपको बंदी बनाने की आज्ञा दी है सम्राट ने ! ईसा मेरा अपराध ? सेनानायक सम्राट का यह आज्ञापत्र है। इसमें अपराध के उल्लेख का स्थान ही नहीं है। ईसा और जो न जाऊँ मैं तुम्हारे साथ ? सेनानायक तो मुझे बल का प्रयोग करना पड़ेगा। तब आप के साथ श्राप के कुछ शिष्य भी बंदी बनाये जायँगें। पहला शिष्य (तलवार पर हाथ रख कर) अपने बल का घमंड है आपको तो...

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