Book Title: Karmpath
Author(s): Premnarayan Tandan
Publisher: Vidyamandir Ranikatra Lakhnou

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Page 54
________________ ( ५३ ) शीला और नहीं तो क्या ! तभी तो अम्मा कहती थीं कि गरीबों के लड़कों को पैसे नहीं खरचना चाहिए । राकेश तुमने देखा है कभी मुझे एक पैसे की चीज खरीदकर खाने ? ऐसा ही तुम लोग भी करो। सतीश' दूसरों को रुपए कहाँ से मिल जाते हैं ? शीला उनके बाबू जी लाते हैं। हमारे बाबू जी बीमार हैं बहुत दिनों से ; काम नहीं कर सकते। सतीश तो चलो हम लोग ले आवें । कहाँ मिलेंगे रुपए ? राकेश हम लोगों को नहीं मिलेंगे ; हम छोटे हैं अभी। सतीश छोटे हैं ! अरे, सब काम तो करते हैं हम ! दूकान से राशन लाते हैं, चक्की से आटा पिसाते हैं, तरकारी लाते हैं, दूध-दही लाते हैं, तब क्या वह 'काम नहीं कर करते जिसमें रुपए मिलें ?

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