________________
(
सब
निरंजना
( दृढ़ता से ) सच बात कहती हूँ । भाई हैं वे ... रक्त का संबंध है उनसे । परंतु दुनिया को सदा धोखे में रखा है उन्होंने ।
७८)
कांति
धोखा ! धोखा एक-दो को दिया ज सकता है; उन्हें तो "सभी बड़ाई करते हैं उनकी ।
निरंजना
इमी में तो कुशल है वे ! पर ह अज्ञान है तुम्हारा जो सभी को उनका प्रशंसक समझता हो ।
कांति
कैसे मानूँ बात तुम्हारी ?
निरंजना
वैसे ही जैसे अपनी सगी बहन की मानती । ( कांति उसकी और इस तरह ताकती है जैसे अब भी उसका आशय न समझी हो । ) बहन, पैसे में बड़ा बल कहा जाता है और बह बल यही है कि लोगों के मुँह पर ताला लग जाता है। भैया के प्रशासक मन की बात नहीं कहते ।
कांति
दो-एक का ही मुँह वंड़ किया जा सकता है बहन !
निरंजना
बंद किया नहीं जाता, अपने आप हो जाता है। राष्ट्र का