________________
( ७६ )
कांति नहीं, उससे कहा तो था मैंने ; पर वह जाने को तैयार नहीं हुई।
निरजना कोई कारण नहीं बताया उसने ?
कांति न, बस, ज ना अस्वीकार कर दिया। अभी आने को कह गई है वह । पूछना तुम।
निरंजना ( गंभीर होकर ) हूँ sss। ठीक ही कहा उसने । (कुछ सोंच कर ) तुम्हें नहीं मना किया उसने ?
कांति किया था। बोली-जब तक मैं न आ जाऊँ, जाना मत । (आत्मीयता के स्वर में ) कसम भी धरा गई है अपनी ।
निरंजना ऐसा ही करना तुम । जाना मत। .
कांति पर,..... पर ... क्यों ? मालती भी विरोध कर रही है, तुम भी रोक रही हो?
[निरंजना कोई उत्तर नहीं देती । कांति उसकी ओर जिज्ञासा से ताकती है। एक गिलास में जल और तस्तरी में पान लिए