Book Title: Karmpath
Author(s): Premnarayan Tandan
Publisher: Vidyamandir Ranikatra Lakhnou

View full book text
Previous | Next

Page 50
________________ ( ४६ ) राकेश बरफ कितनी गंदी होती है, यह भी तो बाबू जी ने उस दिन समझाया था तुम्हे ? शीला सब लोग बरफ खाते हैं, हम माँगते हैं तो कहते हो गंदी होती है । सतीश बाबू जी ने आज अपने दोस्त के लिये भी तो बरफ मँगाई थी । राकेश ( बात बदलकर ) तुमने किताबों में छपी तस्वीरें देखी हैं ? कितनी बढ़िया हैं ? सतीश मुझे तो हलवाई की दूकान वाली तस्वीर अच्छी लगती है । हाँ, कितने बड़े बड़े अपनी दूकान पर | शीला थालों में मिठाई सजा रखी है उसने खतीश हमें तो बहुत दिनों से मिठाई नहीं मिली है खाने को । 1

Loading...

Page Navigation
1 ... 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129