Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy

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Page 459
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अकारादिशब्दाः पलाद पलादन पलाभा पलाश पलाशन पलाशिन् पलांश पलांशक पल्यङ्क पल्वल पवन पवनभुक्पति पवनवाहन पवनव्याधि पवना पवनाशन पवनाशनाश पवनाशनि पवमान पवर्ग पवि पवित्र पवित्रता पवित्रार्पण पविपाणिपूजित पविपाणिपूज्य पविपाणिमंत्रिन् पशु पशुक्रिया पशुधर्म पशुपति www.kobatirth.org अकारादिशब्दानुक्रमणिका पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः २४२ पशुपतिनिलय २४२ पशुपाल्य १०५ पशुराशि ४७, २४१ पश्चिम २४२ पश्चिमक्षितिज २४१, १३९ | पश्चिमदर्शन १०८ पश्चिमदक्षिणकोणपाल १०८ पश्चिमदिनिवासिराशि १३९ पश्चिमदिशापति १९९ पश्चिमदृग्ग्रह ७, २४४ | पश्चिमधान्येश ५४ पश्चिमनत २३९ पश्चिमपर्वत २२६ पश्चिमरांत्र ७ पश्चिमलोप ५४ पश्चिमा २२१ पश्चिमाचल ५४ पश्चिमादर्शन २४४ पश्चिमादर्शन १३५ पश्चिमास्त Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २३८, २३९ | पश्चिमास्तमन १३४, २३३ पश्चिमोत्तरदिक्कोणपति १३१ पश्चिमोद्गम २१ पश्चिमोदय ४८ पश्चिमोन्नत ४८ पश्यत् ४८ 'पश्यतः ' २५, २८, २८, १३५ पश्यति १४० पश्यन्ति १४० पश्येत् २२७, २३९ पश्येयुः For Private and Personal Use Only ४४७ पृष्ठाङ्काः १२५ २४७ २८ २५३ १०८ १०७ २४२ २३४ २४३ ११४ २५ १०९ २०४ १३ १०७ २३३ २०४ १०७ १०७ १०७ १०७ २४४ १०७ १०७ १०९ १४५ १८७ १८७ १८७ १८७ १८७

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