Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
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५२६
अकारादिशब्दाः
वनिता
वन्दक
'वन्दते'
वन्दन= (नमस्करणम् )
वन्दना = (स्तुति:)
वन्दनीय = ( वन्दितव्यः),
'वन्दन्ते'
वन्दध्वे
वन्द
वन्दामहे
वन्दारु = (अभिवादक: )
'वन्दावहे'
वन्दित
वन्दितव्य = (वन्दनीय: ),
वन्दीक
'वन्दे'
वन्देत
वन्देते
वन्दे
वन्देयाताम्
'वन्देरन्'
व्य
वन्द्यमान
वप
वपन
वपनक्रिया
वपुस्
वप्तृ
वप्प
वप्र
वमि
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ज्योतिर्विज्ञानशब्दकोषः
पृष्ठाङ्काः
२६, २०५ वयस्
१३१ वयस्य
१९० वयस्था
अकारादिशब्दाः
१९०
१९०
१९० वरद
१९०
वयुन
वर
वरट
वरटा
वरण = (कन्यादिवरणम्)
वरदव्रत
वरदा
१९०
वरनाक
४९, ५६ वरप्रदा
वरयितृ
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२०७ वरला
१९० वरवर्णिनी
१९० वरवाहन
१९० वरा
१९० वराक
१९० वराट
१९० वराटक
४९, ५६ वराटकानांदशकद्वय
१२३, २४३ वरारोहा
वरार्थिनी
४९ वराटकानाविंशतिगण्डक
पृष्ठाङ्काः
१२२, २२२
१२२
२०५
२९७, २०७
३१, ३५, २५४, १३७
२१५
२१५
११५, १२१ वराहक
१३४
१३४ वराह= (अवतारविशेष: )
२२४ वराहद्वादशी
२२४ वरिष
१२२, २२४ वरिषा
२३९ वरिष्ठ
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२२९
२४
२००
१९८
२००
३५
२१५
१२३
१९८
४५
२२८
६४
६४, ६४
६४
६४
१२३
१३४
२३८
२४
१६
१५
३१

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