Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
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५६४
अकारादिशब्दाः
शीतांशुमालिन् शीतांशुसूनु
शीतेतररश्मि = ( रवि: )
शीर्ण = (गलितम्),
शीर्णपाद
शीर्णाघ्रि
शीर्णाहि
शीर्ष
शीर्षक
शीर्षदेह
शीर्षोदयराशि
शुक
शुक्ति
शुक्तिमत् = ( शुक्तिधातु मान्),
शुक्र
शुक्रगुवः शैशववार्द्धक
शुक्रवार
शुक्रशिष्य
शुक्रशुद्धि
शुक्राक्षिनामन्
शुक्राचार्यपुत्री
शुक्रास्त
शुक्ल
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शुण्डा
२४१
शुण्डाल
२४१ | शुण्डालिन्
२४१ शुद्ध
१२१ शुद्धता
५३ शुद्धा
५४ शुद्धि
२८
३, २५८
५७, ६३, ६३
१४, २८, ४२, ५८, १४०, २३४
शुक्लगम
शुक्लपक्ष
शुक्लादि = (शुक्लपक्षादिः)
शुक्लापाङ्ग
शुक्लाशुक्ल
शुक्लेतरपक्ष
ज्योतिर्विज्ञानशब्दकोषः
पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः ४१ शुचि ४६ शुचिपति
शुचिरोचिस्
शुद्धेयुः
१३७ शुनाशीर
३, ९ शुभ
५१, ५१
१०, १३, १४, १६,
४२, ४९
'शुद्धयतः '
शुद्धयति
शुद्धयन्ति
शुद्धेयत्
शुद्धेयताम्
१३१ शुभकर
७४ शुभकृत्
५१ शुभगगनग
१३७ शुभगा
१०५
शुभद
१३ शुभवन्ती
शुभग्रह = ( चन्द्रज्ञेज्याच्छाः)
शुभग्रहेन्द्र
शुभनभोगमन
२३३ शुभवियच्चर
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५६ शुभसुहृद् १४ शुभांशु
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पृष्ठाङ्काः
१४, १४, १५, ३२, ४२
२३९
३९
२४४
२३२
२३२
९०
१३१
२०९
१३१
१७०
१७०
१७०
१७१
१७१
१७१
२१७
३, ९, १०, २५, १३३,
३०, ३१, ३१, १४३
३०
१७, ३०
३०
२१०
३०
३०
२३४
३०
३०
१२७
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