Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy

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Page 590
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५७८ पृष्ठाङ्काः अकारादिशब्दाः सन्निरीक्ष्य (संविलोक्य) सनिरीक्ष्यमाण सन्मित्र ७८ ८३ सपत्न १४४, ७६ ८२ ४८ ७४, ८४ ७३, ८२ ७६ ज्योतिर्विज्ञानशब्दकोषः पृष्ठाङ्काः । अकारादिशब्दाः सप्तदशन् १४६ सप्तदशपञ्चक १२७ सप्तदीधिति १२३, २२४ सप्तधा २०१ सप्तन् सप्तनवक १९, १० सप्तनवत सप्तनवति सप्तनवतितम सप्तपञ्चाशः १३७ सपन्तपञ्चाशत् १३७ सप्पञ्चाशत्तम सप्तपर्ण सप्तम सप्तमक ८१, ८६ | सप्तमांश सप्तमी ८६ | सप्तराशिक २७० | सप्तर्षिपूता २३९ | | सप्तलोकैकचक्षुस् २०१ सप्तवर्ग ७३, ८३ सप्तवाह सप्तविंश सप्तविंशत् सप्तविंशत्तम सप्तविंशति | सप्तविंशतितम सप्तशलाकावेध सप्तषटक सप्तषष्ट ८५ | सप्तषष्टि २६० २६, ३२, ६५ १२९ १२९ सपत्नता सपद सपदि सपलदेश (साक्षदेश:), सपाद सपापबुध सपापलग्न सपापलग्नांश सप्तक सप्तकृति सप्तगन्धर्वजात सप्तचत्वारिंश सप्तचत्वारिंशत् सप्तचत्वारिंशत्तम सप्तच्छद सप्तजिह्व सप्ततन्तु सप्तति सप्ततुरङ्गम (रवि:) सप्तत्रिंश सत्रिंशत् सप्तत्रिंशत्तम सप्तत्रिंशति सप्तत्रिंशतितम सप्तदश सप्तदशक २, २, ३, ८५ २३४ ३४ ८२, १२७ ३३ ८६ ८० ८६ ५६, ५६, ७२ ८६ १३७ ८५ ८५ सप्तदशतम ७३,८३ For Private and Personal Use Only

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