Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy

View full book text
Previous | Next

Page 597
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४५ २०१ सवयस् सवर्ण १४४ m m ww २३ अकारादिशब्दानुक्रमणिका अकारादिशब्दाः पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः पृष्ठाङ्काः सर्वत्र (सर्वकालः, सर्वदेशः, सर्वदिक्), सलिलेन्धन २४० सर्वथा (सर्वप्रकारेण), सलिलेशाम्बरा सर्वदर्शिनम् २०६ सलिलेश्वर २४३ सर्वदा १९ | सव १४०, २०१ सर्वदेवमुख | सवन सर्वधन्विन् २२० ३७, २२१ सर्वधारिन् | सवर्णन सर्वनाशन २५३ सर्वबिम्बग्रास ११६ सवर्णा सर्वभक्षा २४१ / सवलि सर्वभोग १४४ | सविक्रम सर्वभोग्य सवितुः कुमार सर्वमङ्गला सवित् ३२, २२४ सर्वमूषक | सवितृदेवता सर्वमेधयज्ञ २०१ | सवितृदैवत सर्वः १४४ | सवितृदैवत्य सर्वर्तु सवितृसुत सर्वतोभद्र १३८ | सविध सर्वलौह २२१ | सविश्वत्रिंशत् सर्वस्वदक्षिणा २१० |सविश्वविंशति सर्वारम्भशुद्धि १३३, १३१ | सविष सर्वावसर १३ | सवीर्य सर्वाह (समस्तदिनम्), सवृष्टिप्रावृड्भवानिल सर्वौषधि (ओषधिविशेष:) सवेश २५३ सर्वोषधीश ४१ सव्य २५२, ११८, २४० सर्षप ६०, ६१ | सव्येष्ठ सल २१७ सव्येष्ठ ३६ सलिल ७, १२२ | सशकल=(सार्द्धम्) सलिलचर २५ सलिलज ३६ | ससरस्वतीश १४७ सलिलद २७० | ससार १६ २६ २४५ | सशौर्य ३० For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628