Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
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४५
२०१
सवयस्
सवर्ण
१४४
m m ww
२३
अकारादिशब्दानुक्रमणिका अकारादिशब्दाः पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः
पृष्ठाङ्काः सर्वत्र (सर्वकालः, सर्वदेशः, सर्वदिक्), सलिलेन्धन
२४० सर्वथा (सर्वप्रकारेण),
सलिलेशाम्बरा सर्वदर्शिनम् २०६ सलिलेश्वर
२४३ सर्वदा
१९ | सव
१४०, २०१ सर्वदेवमुख
| सवन सर्वधन्विन् २२०
३७, २२१ सर्वधारिन्
| सवर्णन सर्वनाशन
२५३ सर्वबिम्बग्रास
११६ सवर्णा सर्वभक्षा
२४१ / सवलि सर्वभोग
१४४ | सविक्रम सर्वभोग्य
सवितुः कुमार सर्वमङ्गला
सवित्
३२, २२४ सर्वमूषक
| सवितृदेवता सर्वमेधयज्ञ
२०१ | सवितृदैवत सर्वः
१४४
| सवितृदैवत्य सर्वर्तु
सवितृसुत सर्वतोभद्र
१३८ | सविध सर्वलौह
२२१ | सविश्वत्रिंशत् सर्वस्वदक्षिणा
२१० |सविश्वविंशति सर्वारम्भशुद्धि १३३, १३१ | सविष सर्वावसर
१३ | सवीर्य सर्वाह (समस्तदिनम्),
सवृष्टिप्रावृड्भवानिल सर्वौषधि (ओषधिविशेष:)
सवेश
२५३ सर्वोषधीश
४१ सव्य
२५२, ११८, २४० सर्षप
६०, ६१ | सव्येष्ठ सल २१७ सव्येष्ठ
३६ सलिल
७, १२२ | सशकल=(सार्द्धम्) सलिलचर
२५ सलिलज ३६ | ससरस्वतीश
१४७ सलिलद
२७० | ससार
१६
२६
२४५
| सशौर्य
३०
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