Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy

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Page 605
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५९३ पृष्ठाङ्काः अकारादिशब्दाः सुन्दरी सुपर्ण सुपर्णक अकारादिशब्दानुक्रमणिका पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः २६, २०५ - सुमन (पुष्पम्) ३८, २२२ | सुमनस् २२२ सुमनस्त्रितय २२२ सुमनस २२१, २६६ २२१ सुपर्णा सुपर्णी २२१ | सुमनोनमस्य २२१ २२८ २२२ २२२ सुपार्श्व २४६ | सुरगुरु २२८ सुपर्णतिनय सुमहत् सुपर्वन् १९७ | सुमुख सुपर्वनाथमहित ४९ | सुमुखस् २०६ सुमुखी सुप्त १३९ सुमेरु सुप्रतिष्ठा ७५, २११ | सुयामुन सुप्रतीक २३४ सुप्रभात (शुभसूचकप्रात: काल:) सुरकुलपतिपूज्य सुप्रसन्न सुरगायन सुप्रसाद १९७ | सुरचिकित्सक सुरजनक सुबुद्ध २२२ |सुरजननी सुब्रह्मण्य २३२ | सुरज्येष्ठ सुभग २२८ सुरत सुभगा=(पतिप्रिया) सुरतप्रिय सुभद्र २०९, २१६ | सुरतरु सुभानु १६ । सुरतात सुभिक्ष=(सुखभभैक्ष्यद्रव्यम्) सुरताल सुभीरु | सुरतोषक सुभ्रू २०५ | सुरदारु सुभ २२१ सुरदीज्ञिधका २५६ सुरद्विष् सुमतिमत् २५५ | सुरनगरी सुमदा २०४ | सुरनदी सुमदात्मजा २०४ | सुरनमस्य ९९, २६६ २१५ ३२, २६१, १९७ ४९ २४७, २६६ ४७, २६६ ५, १९८ ३७, २६६ ६, ३७ २०७, २६६ १४० २२० सुबल? सुबाल? m GM ० ० २६६ २२९ २६६ सुमति २६६ २२९, १९८ ५१, ५१, ५३ २६६ २२९ ४८ For Private and Personal Use Only

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