Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy

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Page 607
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५९५ पृष्ठाङ्काः १९८ सुरस्त्री २६६ २१८ २०७ २६६ २६६ २३ ४७ ४७ ३५ ४८ २२२ ४२ अकारादिशब्दानुक्रमणिका अकारादिशब्दाः पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः सुरसू सुरावास सुरसूरि ४७ सुरावृत सुरसेनानी २६६ सुराश्रय २०४ सुरासमुद्र सुरस्वामिन् सुरासुरगुरु सुरा २०९, २२६, २४४, सुराहार सुराङ्गना | सुरूपाद्वादशी सुराचल २६६ | सुरेज्य सुराचार्य |सुरेड्य सुराणांगुरु ४८ सुरेणु सुराधिदेव ४८ | सुरेन्द्रगुरु सुराधिप २१६ | सुरेन्द्रजित् सुराध्वन् १९९ सुरेन्द्रयाजक सुरापगा २२९ | सुरेन्द्रवन्ध सुराम्बा ६,३६, २६६ | सुरेन्द्रशत्रुमहित सुरायुध २६६ | सुरेय सुराराति=(दैत्याः) | सुरेशगुरु सुराराम २६६ | सुरेशनमस्य सुरारि सुरेशनुत सुरारिदयित | सुरेशपुरोहित सुरारिवन्ध ५० सुरेशपूजित सुरारिसचिव ५० | सुरेशपूज्य सुरारिहन्तु | सुरेशमंत्रिन् सुरारिहन् २६९, २१५ सुरेशयाजक सुरार्चित | सुरेशवन्दितपरद सुरा~ ४७ सुरेशसचिव सुराय॑चरण ४८ | सुरेशसपत्नसचिव सुरेशाचार्य सुरालय १३८, १००, २४४ सुरेशाधिदेव सुरालयगमा २२९ | सुरेशार्चित सुरावल्लभ २२५ | सुरेशार्य ४७ ४८ ४८ ४८ ४८ ४८ ४८ ४८ ४९ ४८ सुरार्य्य ४८ ४८८ ४७ For Private and Personal Use Only

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