Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy

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Page 612
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ६०० पृष्ठाङ्काः १३४ २४२ २४१ २०१ सौरि २३२ सौरिक २२० २१८ २१८ २४१ ज्योतिर्विज्ञानशब्दकोषः अकारादिशब्दाः पृष्ठाङ्काः । अकारादिशब्दाः सौरत २४५ स्तन्यपान सौरदिन १२, १२ | स्तब्ध (स्तम्भितः) सौरभुवन स्तब्धसम्भार सौरभेय २५, २३० | स्तभ सौरभभेयी २०० |स्तम्ब (अप्रकाण्डद्रुमः), सौरवर्ष १६, १६ स्तम्बकरि ५, ५२ |स्तम्बेरम १९८ स्तम्भ (स्थूणा), सौवस्तिक ४९ स्तम्भन सौवीरी २०९ स्तम्भि सौहार्द १२७ स्तम्भिन् सौहृद १२७ |स्तरी स्कन्द ३, २२६, २६६ स्तबक (गुच्छकः), स्कन्दतिथि स्तिभि (समुद्रः), स्कन्दपुराण (पुराणविशेष:) स्तिम्भि-(समुद्रः), स्कन्दमातृ २३१ |स्तुभ स्कन्दषष्ठी २३ स्तृ स्कन्ध ९७, २२४ स्तुपति स्कन्धशृङ्ग २४२ | स्तेन (चोरः), स्कन्धाग्नि २४० स्तेय=(चौर्य्यम्), स्कन्धिन १३९ स्तोक स्खलन (निनिर्मित्तं हस्तादित: पतनम्) |स्तोम स्तन (स्त्रीणामङ्गविशेष:) स्तोमनष्टरदभ स्नतनामन् स्त्यान (स्निग्धम्) स्नतन्धय | स्त्री (स्तनकेशवती), स्तनप १४० | स्त्रीकरण (रतबन्धः), स्तनपान १३४, ५७ | स्त्रीकुसुम स्तनमुख (चूचुकम्), स्त्रीचिह्न स्तनयित्नु २३८ स्त्रीदेहार्द्ध स्तनून | स्त्रीधर्म स्तन्य २२० | स्त्रीधर्मिणी २४१ २५३ ९७, २०१ ७४ १४० ૨૬ २०५ १३९ २२८ २०५ २४४ २०५ For Private and Personal Use Only

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