Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
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५९१
पृष्ठाङ्काः
अकारादिशब्दानुक्रमणिका पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः ४१ सुकृतगगनवास
सुकृतग्रह सुकृतवियच्चर सुकृतव्रत सुकृतेतर
सुकेशी
अकारादिशब्दाः सिन्धुनन्दन सिन्धुभव सिन्धुमित्र सिन्धुर सिन्धुरवैरिन् (सिंह:), सिन्धुरवैरिराशि सिन्धुवृष सिन्धुसुत सिन्धूत्थ सिन्धोर्मित्र सिप्र सिप्रग्रह सिरामूल=(नाडीविशेष:)
३१, १२२
७५
१३९ २३०, २४३ २४३, २४४
'सी'
२०१ १३३
३५ २३२ २३२
सुखंघुण
सुखंसुण ३८ | सुख
सुखग सुखभाव सुखसुप्तिका सुखा | सुखाश सुखेट
सुखोत्सव १३३ | सुगन्धि १३३ सुगन्धिक
१३३ सुग्रह २६, २०५ सुग्रव १३३, १३३ सुग्रीवपितृ १३९
सुग्रीवसू २१० सुजल १३९ | सुजातकविद् २२५
सुतनु
सीत्य सीमन्त सीमन्तकर्मन् सीमन्तविधान सीमन्तारव्य सीमन्तिनी सीमन्तोनयन सीमाक सीमाख्य सीमिक
३०
३५, ३५, २२७
३४
२६१
३६
२५६ ४५, १२२
२०५
सीर
सुत
सीरपाणि
सीरिन्
सुतल
२२३
९०
सुकर्मन् सुकवि सुकृत सुकृतगमनचारिन्
५० ३०, ३१
सुता सुताडित सुत्रामन् सुदमात्मजा
२१७
३०
२०४
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