Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
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पृष्ठाकाः
ururu
२३२
सर्पभृता
X८
७६
२१० २२१
به سه ه
5
२०७ / सर्व
८९, २१४
५८४
ज्योतिर्विज्ञानशब्दकोषः अकारादिशब्दाः
पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः सरित्पति
२१८ / सर्पदेवा सरित्स्थान
१४० | सर्पदैवता सरिद्वरा
२२.९ | सर्पदैवत्य सरिन्नाथ
२१८ | सर्पभुज् सरिल
१२२, २१७ सरीसृप
२६, १३५ | सर्पराज (वासुकिः), सरूप
२५६ साख्या सरोज
२७१, ३६ | सर्पाणामयन सरोजन्मन्
२७१ साराति सरोजनिलय
सरि=(गरुडः) सरोजबन्धु
सर्पिष्=(घृतमाज्यं वा), सरोजबान्धव
सर्पेन्द्र सरोजन्मन्
३६, २०
सौधा सरोजिन् सरोजिना
सर्वसहा सरोजिनीजीवितेश्वर
| सर्वसहाज सरोजिनीनाथशरीरजन्मन्
| सर्वसहातनूज सरोजिनीपति
सर्वसहात्मज सरोजिनीप्राणाधिनाथ
सर्वसहायोनि सरोजिनीराज
३४ | सर्वसहाशरीरज सरोजनिीश
३४ सर्वसहासूनु सरोरुह्
सर्वकर्तृ सरोरुह
२७१, ३६ सर्वग सरोरुहसुहद्
| सर्वग्रह सरोरुहारि
४१ / सर्वग्रहण सरोवर
१९९ सर्वज्ञ सर्वाविंशति
सर्वजित् १६ सर्ग
२१२ सर्वतस् सर्गबन्ध
२१३ सर्वतोभद्र ... ३, ४, १२, ५३ | सर्वतोमान सर्पतिथि
२ | सर्वतोमुख
४५
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४४
ه ه
४४
४४
ه
४४
ه
४४
४४
3६
२०७ २२८
११६ ११६, ११७ २०६, २२८
८१
२१७ ११२
सर्प
१८, २१७
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