Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
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अकारादिशब्दाः समालोकित
समालोकितव्य = (समालोकनीयः )
समालोकिन्
समालोक्य = (आलोक्य)
समालोक्यमान
समालोचन
समावदनायुष्
समावर्त
समावर्तन
समावर्तनक
समाश्रित
समासादित
समासीन
समित्
समित्पीथ
'समित: '
समिति
समितिञ्जय
समितीपद
समिध्
समिधावय
समिन्नामन्
'समियात्'
समियाताम्
समियुः
समिर
समीक
समीक्षण
समीक्षणीय
समीक्षा
समीक्षित
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अकारादिशब्दानुक्रमणिका
पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः
१४७ समीक्षितव्य
समाक्ष्य
१४५ समीक्ष्यमाणा
समीप
१४६ समीर
१४५ समीरणभ
१४३ समीरणाख्य
१३७ मसीरायणचारिन्
१३७ समीरित
१३७ समीच्चार्य्य
१९८, १४६ समुज्झित
१९८ समुत्पन्न
१९८ समुदय
१८० समुदाहत
१२४, १४६, १९८ समुदित
१२४ | समुदाय २३९ | समुदायाष्टकवर्गजायुष्
२१६ समुदीरित
२४२ समुदीर्य्य
२४१ समुद्गत
२१० समुद्गम
७९ समुद्गीर्ण
१८० समुद्धृत
१८० समुद्भव
१८०
समुद्भूत
२४४ समुद्र
१२४ समुद्रकाञ्ची
१४५ समुद्रकान्ता
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१४५ समुद्रगा
१४५ समुद्रज १४५, १४७ समुद्रदयिता
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५८१
पृष्ठाङ्काः
१४५
१४८, १४५, ३४
१४८
२५३
७, २४४
७
७
२९
२४९
२४९
९२
२००
९७, १०६
९७, १२४
१४१
२४९
२४९
२४९
२४९
१२१
१०६, १२१
२४९
९०
२७०, १४०
२७०
४२, १३०, ७६
४५
२४४
२४४
३९
२४४

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