Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
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३८
शोषण
३८
शौच्य
५२
१४०
३०, १४२
श्रव
अकारादिशब्दानुक्रमणिका
५६७ अकारादिशब्दाः पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः
पृष्ठाङ्काः शोभन
३, ९, १७, ३०, | श्यामानाथ ३१, २५५ | श्येत
१४, ४२ शोभमान
१४८ | श्येत २२० | श्येनक
२२२ शौक
२७ | श्येनास | श्रक्य
२१५ शौभ १९७ श्रद्धा
१४०, १३१
श्रद्धालु शौरि
७, ५२ | श्रद्धेय (श्रद्धास्पदम्), शौर्य
| श्रन्थ
२१५ शौर्यप्रधान
श्रन्थन
२१३ शौर्यवाहिन् श्मन् (मुखम्),
श्रवण
४, ४, ९, ७ श्मशान-(प्रेतदाहभूमिः),
श्रवणद्वादशी
२२ श्मशानसद्मन्
२२८ | श्रवणभ श्मश्रु पुंमुखलोमवृद्धिः
श्रवणवेधन
१३४ 'डाढी' इति भाषा) ५२ | श्रवणवेधविधान
१३४ श्याम १४, ५२, ५३ | श्रवण
४, ७ श्यामक २४१
श्रवणीय=(श्रोतव्यः), श्यामगात्र
श्रवणेन्द्रिय=(कर्णेन्द्रिय), श्यामतनु
५२
७, १०२, १२१ श्यामल १४, ५३, ५७ | श्रवस
२१३ श्यामलपक्ष
श्रविष्ठा श्यामलशोचिष्
| श्रविष्ठाज श्यामलाङ्ग
२६२, ५२ | श्रविष्ठाभव श्यामलेतरपक्ष (शुक्लपक्ष:)
श्रविष्ठाभू श्यामवासस्
५२ श्रविष्ठारमण श्यामा
१३, ४५ | श्रव्य (सुन्दरवाक्यम्), श्यामाक
२४१ | श्राणा=(यवागूः) श्यामाकर
३९ | श्राद्ध (पितृकर्मविशेष:) श्यामाङ्ग
२५९, ४५ श्राद्धकाल
| श्रवस्
५२
३७ ज्यो.वि.शब्दकोष
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