Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
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अकारादिशब्दाः
षड्विन्दु
षड्विश
षड्विशत् (त्)
षड्विंशति षड्विंशतितम
षण्ढ
षण्डमध्या
षण्णवक
षण्णवत
षण्णवति
षण्णवतितम
षण्मुख
षष्
षष्टि
षष्टिकलोन्मित
षष्टिदीधक्षिरोच्चारा
षष्टिभाग
षष्टिलव
षष्टिहायन
षष्ट्यंशक
षष्ठ
षष्ठिका
षष्ठी षष्ठी महोत्सव
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अकारादिशब्दानुक्रमणिका
पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः २१५ षोडशचतुष्क ८६ षोडशचरण
८० षोडशतम
षोडशद्रम्म
७३, ८०
षष्ठयुत्सव
षण्डमध्या
षाण्ड
षाण्मातुर
षोडश
षोडशक
षोडशकला = ( षोडशलिप्ता)
८६ षोडशन्
१९९ षोडशपञ्चक
२०९ षोडशपद
८२ षोडशपाद
८८ षोडशभाग
षोडशलव
८८ षोडशवर्ग
२३३ षोडशषट्क
७३, १४४, ७१, ७३
षोडशांघ्रि
७३, ८२
शोडशांश
१७, २०२ षोडशांशक
११३ षोडशार्चिष्
१२९ षोडशांशु
१२९ षोडशिका
७४, ८४
२६, ८५, १२५ षोढा
२
२, २, ३, २६, ८५, २३१ संयंत्
१३४ 'संयन्ति'
२३२ षोडशिन् (त्) १२९ षोडशी
१३४ संयमनी
२०९ संयुक्त
२२८ संयुग २३३ संयुज्
७३, ८५, ७३ संयुत
६४, ८५ संयति
संयोग
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५७१
पृष्ठाङ्काः
८२
२५
८५
६४
७८
८३
२५
२५
१२९
१२९
१२८
८४
२५
१२८
१२९
५०
५०
५९
३९
२०९, ५९, ६२
८८
१२३
१८०
२४१
९०, १४६
१२४
९०, १४६
९०, १४६
११९, १४६
१३४, १४६, १४७

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