Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
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५२४
अकारादिशब्दाः
वक्रपाद
वक्रभुज
वक्रय
वक्रशुण्ड
वक्रस्थ
वक्रा
वक्राङ्ग
वक्रिन्
वक्षस्
वक्षस्थल
वक्ष्यमाण
वगुल
वग्रह
वग्राह
वङ्गजीवत
वङ्गमल्ली
वचन
वचनीय
वचस्
वचसांपति
वचसां परिवृढ
वचसामधीश
वचोग्रह
वज्र
वज्रकोण
वज्रजनितशब्द
वज्रज्वाला
वज्रतुण्ड
वज्रदंष्ट्र
वज्रदक्षिण
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ज्योतिर्विज्ञानशब्दकोषः
पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः
२३२ वज्रदशन
२३२ वज्रनिर्घोष
२४८ वज्रनिश्पेष
२३२ वज्रपाणि
१०७ वज्राग्नि
१०६ वज्राशनि
२१५ वज्रासन
१०७ वज्रिका
१२१ वज्रिन्
२७ वज्रिजित्
वञ्चति
वट -(वृक्षविशेष:,
२४९
२२२
२३८ वटवासिन्
२३८ वटसावित्री
२२८ वटाश्रय
२०८ वटु
२४९, १२१ वटुक
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२४९ वटुकरण
४९, १२१ वटूकरण
४८ वडवा
४८ वडवाकृशानु
४८ वडवाधनञ्जय १०२
वडवानल
वडवापति = ( रवि: ) ।
९, ९, १०, १०,
५७, ३७, २३८ वडवापावक
७६ वडवामुख २३८ वडवासुत
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न्यग्रोध: ) ।
२३८ वड्र
२२१ वणिक्पथ = (मार्गविशेष: )
२२२ वणिगधिपति
२०७ वणिग्गृह
पृष्ठाङ्काः
२३२
२३८
२३८
२०७
२३८
२३८
२१४
२११
२०७
२२१
२३९
२४५, २४७
२१
२४६
१३४, १४०
१३४
१३४
१३४
३५, ३५
२७०
२७०
२४०
२७०
२२३, २४०
१९८
२५३
२६
२४७

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