Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
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अकारादिशब्दाः वाक-(वाक्),
वा
४७
४७
वाक्छल (वाकप्रपञ्च:) वाक्पति वाक्प्रदा वाक्य वाक्येश्वरी वास्थान वागधिप=(बृहस्पतिः) वागधीश वागलकोट वागीश वागीशा वागीश्वर वागीश्वरी वाग्गोचर वाग्दन वाग्देवता वाग्देवी
अकारादिशब्दानुक्रमणिका
५३१ पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः
पृष्ठाङ्काः 'वाचयत:'
१८४ वाचयति
१८४ वाचयन्ति
१८४ ‘वाचयते'
१८४ २०८ | वाचयन्ते
१८४ २०८ वाचयेते
१८४ २०८
वाचस्पति वाचस्पत्य
२७ वाचा
२०८ | वाचाविचारचतुर
२५६ ९९ वाचांपति ४७ | वाचांप्रभु
४७ २०८ वाचामीश माच्य
२४९ वाच्यमान (प्रस्तूयमानम्) |वाज
२१७, २२० २१४ वाजपेय
२०९ २०८ | वाजपेययज्ञ
२०१ २०८
३२, ३८, २२० ४७ वाशिाल
१३८ ४७ | वाजिशाला
१३८ २१८ 'वाञ्छतः'
१९० | वाञ्छति
१९० ४९, २०८ | वाञ्छन्ति
१९० १९७ वाञ्छा
२४६ २५९, २४९ / वाञ्छित (अभिलषित:), | "वाञ्छेत्'
१९० ४४ | वाञ्छेताम्
१९०
४७
| वाजिन्
वाग्मिन् वाग्वाग्मिन्
वाङ्क वाङ्मयप्रभेद वाच
२१३
वाचयम
२५९
वाचक वाचन (कथनं पठनं वा) वाचनज वाचनभू वाचनसूनु वाचनीय=(वाचितुर्महः)
वाञ्छेयुः
१९०
४४ ४४
| वाट
१२३ २४०
वाडव
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