Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
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५३७
पृष्ठाङ्काः २४६ १३९ १९७ १३५
विटपति
२५०
२२७ २००
२८.
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२०३
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अकारादिशब्दाः विचारितव्य विचार्य विचार्यमाण विचाल विचिन्तन विचिन्त्य विचिन्त्यमान विचेष्टा विच्छन्दक विच्छर्दक विजनन विय 'विजयते' विजयन्ते विजया विजयादशमी विजयाभिनन्दन 'विजयेत' विजयेते विजयेयाताम् विजयैकादशी वजाता विज्जाल विज्ञ विज्ञात विज्ञातव्य
ة
अकारादिशब्दानुक्रमणिका पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः
२५० विटप २५०, | विटपिन् २५० २५३ विडाल २५० विडालपदक
| विडोज
विडोजस १२९ विण्मूत्रत्याग १३८,
वितंस १२८ | वितत
वितरण वितणीय वितरति वितरत: वितरन्ति
वितरेत् १६, ७० | वितरेताम्
१९३ १९३ |वितरित
| वितर्क | वितर्कण
वितर्कण २२० वितर्तव्य २५५ | वितर्य
वितल वितस्ति |वितान
वित्त २५०
| वित्तम २०३ वित्तात्
مر
|वितरेयुः
१९३
२२९ २१८ २५१ २५१ १८६ १८६ १८६ १८६ १८६ १८६ २५१ २५१ २५१ २५१ २५१ २५१
२२३ ६५, ६६
२०१ १२१, ८, २४६ १८९, २५०
१८९ १८९
विज्ञान
विज्ञानिक विज्ञाय
|'वित्त'
विज्ञेय
२५०
विट
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