Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy

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Page 567
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अकारादिशब्दाः व्रजमोहन व्रजवर व्रजवर व्रजवल्लभ व्रजाङ्गना 'व्रजेत्' व्रजेताम् व्रजेयुः व्रजेश्वर व्रजेश्वरी व्रज्या व्रण व्रत- (नियमविशेष: ) व्रतबन्ध व्रतबन्धन व्रतादेश व्रतिन् व्रतमोक्षण = (व्रतसमापनम्), व्रात व्रीहि श श शंयु = (शुभान्वितः ), शंव शंवर शवरारि शंसत् = (कथयत्), शंसति शंसन्ति शंसा = ( वचावचनम् ), www.kobatirth.org अकारादिशब्दानुक्रमणिका पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः २२४ शंसित = (स्तुतम् अनुष्ठितं वा ), २२४ शंशितव्रत २२४ 'शंसेत् २२४ शंसेताम् २२६ 'शंसेयुः ' १८० शंस्य १८० श १८० शक= (वत्सरगणनाङ्कः, शकाब्दः ), २२६ | शककारक = (युधिष्ठिरादयः ष: ), २२६ शकट १३७ शकटहन = (श्रीकृष्णः ) १२३ शकटारि शकल शकलमास १३४ १३४ शकलि १३४ शकलिन् ३८, १९८ ९५ २०१ ३१, ६ २१७, २३८ २१७, २४४ २२६ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १९० १९० शक्कर शक्करी शकलीकृत = (खण्डीकृत: ), शकान्तक= (विक्रम:), शकारि = (विक्रम: ), शकुन शकुनज्ञ शकुनविद् शकुनवेदिन् | शकुनशास्त्र = ( वसन्तराजादि) शकुनि शकुनिन् शकुन्तति शकुलिन् | शकुली = (मत्स्यविशेष: ), For Private and Personal Use Only ५५५ पृष्ठाङ्काः १९८ १९० १९० १९० २४१ ६ १६ ५, १३० २६९, २२४ ८९ १३ २४४ २७, २४४ २५६, २११ २५६ २५६ २५६ १० २४४ २२ २७, २४४ २३० ७८, २११

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