Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
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अकारादिशब्दाः
व्रजमोहन
व्रजवर
व्रजवर
व्रजवल्लभ
व्रजाङ्गना
'व्रजेत्'
व्रजेताम्
व्रजेयुः
व्रजेश्वर
व्रजेश्वरी
व्रज्या
व्रण
व्रत- (नियमविशेष: )
व्रतबन्ध
व्रतबन्धन
व्रतादेश
व्रतिन्
व्रतमोक्षण = (व्रतसमापनम्),
व्रात
व्रीहि
श
श
शंयु = (शुभान्वितः ),
शंव
शंवर
शवरारि
शंसत् = (कथयत्),
शंसति
शंसन्ति
शंसा = ( वचावचनम् ),
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अकारादिशब्दानुक्रमणिका
पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः २२४ शंसित = (स्तुतम् अनुष्ठितं वा ),
२२४ शंशितव्रत
२२४ 'शंसेत्
२२४ शंसेताम्
२२६
'शंसेयुः '
१८०
शंस्य
१८०
श
१८० शक= (वत्सरगणनाङ्कः, शकाब्दः ), २२६ | शककारक = (युधिष्ठिरादयः ष: ),
२२६ शकट
१३७ शकटहन = (श्रीकृष्णः )
१२३ शकटारि
शकल
शकलमास
१३४
१३४ शकलि
१३४ शकलिन्
३८, १९८
९५
२०१
३१, ६
२१७, २३८
२१७, २४४
२२६
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१९०
१९०
शक्कर
शक्करी
शकलीकृत = (खण्डीकृत: ), शकान्तक= (विक्रम:),
शकारि = (विक्रम: ),
शकुन
शकुनज्ञ
शकुनविद्
शकुनवेदिन्
| शकुनशास्त्र = ( वसन्तराजादि)
शकुनि
शकुनिन्
शकुन्तति
शकुलिन्
| शकुली = (मत्स्यविशेष: ),
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५५५
पृष्ठाङ्काः
१९८
१९०
१९०
१९०
२४१
६
१६
५, १३०
२६९, २२४
८९
१३
२४४
२७, २४४
२५६, २११
२५६
२५६
२५६
१०
२४४
२२
२७, २४४
२३०
७८, २११

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