Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
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अकारादिशब्दाः
शतधार
शतधारक
शतधृति
शतनिखर्व
शतप्तर
शतपत्रनिवास
शतपदचक्र = (अवकहडा चक्रम)
शतपर्वा
शतपर्वाजानि
शतपर्वानाथ
शतपर्वापति
शतपर्विका
शतपर्वेश
शतभिष
शतभिषज्
शतभिषक्तारका
शतभिषा
शतमख
शतमखानल
शतमन्यु
शतमुखी
शतयुग
शतलक
शतवीर
शतशङ्कु
शतसहस्र
शतह्रदा
शताक्षी
शताक्षीश
शताङ्ग
शताङ्गुलि
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अकारादिशब्दानुक्रमणिका
पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः शतानन्द
२३८
२३८ शतानन्दभ
२०७, २१७ शतांत्यक
७३ शताब्ज
३६ शतायुस्
शतार
२०७
५१
५०
शतावरा
शातवर्त
शतावर्ता
५० शत्रु
५० शत्रुक्षेत्र = ( शत्रुराशि:) ५१ शत्रुक्षेत्रगतहानि
५० शत्रुता
८ शत्रुभवन
८ शत्रु
८४
शनि
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४, ४, ९, ८, ९
७
७ शनिचार
शनिगृह = (मकर: अम्भश्च )
२१७ शनिजिह्वा
२३० शनिपत्नी
८४ शनिपितृ
७३ शनिप्रदोषव्रत
२१६
७३ शनिवार
७३ शनिसुत
२३८ शनिस्
१३ शनिसूति - ( गुलिकः )
३९ शनेः सूनु
२१५ शनेस्तनूज २६० शनैस्
शनिप्रसू = (छाया)
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५५७
पृष्ठाङ्काः
२०७, २१५
५
७३
७३
२००
२३८
२३७
२१५
२३८
१३५, २०१
१४३
२०१
१२७
२१६
३, २८, ३१, ३५,
५३, २३४, ५५
२५
२५
५३
३३
२३, २४
३, ९
५५
२६१
५५
५५
५२

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