Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
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अकारादिशब्दाः मध्यमलोकवर्त्मन्
मध्यमा
मध्यमायुस्
मध्यमीय
मध्यमेति
मध्ययान
मध्यरात्र
मध्यलोक
मध्यलोकेश
मध्यवर्तिन्
मध्यस्थल = (कटिदेश: ),
मध्यस्थिति
मध्या
मध्यायुस्
मध्याह्न
मध्याह्नक
मध्याह्नशङ्कु
मनः शय
मनस्
मनसिज
मनसिशय
मनस्ताल
मनित
मनायी= (मनो: पत्नी),
पनावी = (मनो: पत्नी),
मनीषा
मनीषिन्
मनु
मनुज
मनुजनि
'मनुते'
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अकारादिशब्दानुक्रमणिका
पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः ४४ मनुद्वय
२०९, २१० मनुद्वितय १४१ मनुपितृ
२५२ मनुप्रसू
१०० मनुभव
१४८ मनुयुग
१३, १८ मनुयुज्
४४ मनुष्य
२२६ मनुष्यकुञ्जर २५४
११६, ११६ मनुष्यधर्मन्
२१०, २११ मनुष्यराशि
१२, १२, १८ मनुष्योद्ध
मनुष्यतीर्थ = (प्रजापतितीर्थं कनिष्ठामूलम्)
१४१ | मनुष्याकारफणलाङ्गूलयुक्तसर्प
१०३ मनूद्भव
१०९ मनोगवी
२२० मनोज
१२२, २१९, २२१ | मनोजनुस्
२२० मनोजन्मन्
२२० मनोजव = (हरि: )
मनोजवा
२३, ३८
२५०
२८, १३९, २०१
मनोज्ञ
मनोज्ञा
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मनोदाहिन्
१२२ मनोभव
२५५ मनोभू
२१२, १२२ मनोयोनि
मनोरथ
२०० मनोरथव्रत
१८९
मनोरम
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पृष्ठाङ्काः
८०
८०
३३
२००
२००
८०
८०
२८, २८, १३५, २००
२५४
४८९
२४६
२८
२२२
२५५
२००
२४६
२२०, १२३
२२०
२२०
२३९
२५५.
२०५
२२०, २६९
२२०
१२३
२२०
२४६
२०
२५५

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