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॥ सम्बत १०६७ वर्षे मिति आषाढ़ सुबि ए शुजदिन बुधबारे श्री जिनकुशल सुरिजी सद्गुरूषा चरणन्यासः कारितः श्री सचेन । कास्माबाजार वास्तव्य भाषकैः सुयुबोम्बलैः । पूजनीयाः प्रतिदिनं गुरुपादाः जिः १ ॥
॥ श्री सम्जवनाथजी का मन्दिर
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जिमगञ्ज ॥
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पाषाणकी विशाल मूल बिंव पर ।
॥ श्री बीर गतान्दा २४०३ विक्रमादित्य सम्बत १९३३ शालिवाहन १७९८ माघ शुक्ल एकादश्यां गुरुवासरे रोहिणी नक्षत्रे मीन लग्ने बङ्गदेशे मक्षुदावादांतर्गता जिमगञ्ज वासी बृहत श्रोस बंशे लुंपक गठे बुधसिंह पुत्र प्रतापसिंह तद्भार्या महताव कुमर्थ सत् बृहत पुत्र राय लक्ष्मीपतिर्सिद बहादुर तत् लघु जाता राय धनपतसिंह बहादुर स्वयं एवं गनपतसिंह नरपतसिंह सपरिवारेन श्री सम्जव जिन बिंवं शांतिनाथ जी नेमनाथ जी पार्श्वनाथ जी महाबीर जी परिकर सहित कारापितं जिकूटुरिया सम्राट विद्यामाने प्रतिष्ठितं सर्व सुरिनिः ॥
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जीर्ण मन्दिर - दस्तुरहाट ।
डं जगवते नमः ॥ सम्बत अठारह से ग्यारह (२०११) कृष्ण द्वादसी भृगु बैशाख । सवाल कुल गोत्र गोखरु श्री मौन धर्मकी साख ॥ सजाचन्द के अमरचन्द सुत तिन सुत मुकमसिंह सुनाम । तिनके धाम राय मन्दिर यह जागीरची तीर विश्राम ॥