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पाल राज पुत्र अभय पाल राज्ञी श्री महिबल देवि सहितः श्री शांतिनाथ देव यात्रा निमित्त भडिया उव अरघट उरहार मध्यात् गूजर तुहार १ जवा ग्राम पंच कुल समक्षि एतत् --- दामं कृतं पुण्याय साक्षि अत्र वास्त - - -गण ---सी० देवलये. समीपाटीय ---पाजून आम्र--.समक्ष आदानं - - ..मितस्य २ स... हत्या पातकेन लि - .. ११।
हलूंदी। मारवाड़ के गोड़वाड़ इलाके के बीजापुर के पास यह प्राचीन स्थान है।
श्री महावीरजी का मंदिर।
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ॐ ॥ सं० १२९६ वर्षे चैत्र सुदि ११ शुक्र श्री रत्न प्रमोपाध्याय शिष्यः श्री पृ चन्द्रोपाध्याय रालक द्वय शिखराणि च कारितानि सर्वानि।
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ॐ सं० १३३५ वर्षे श्रावण वदि १ सोमे यह समीपाही। मंडपिकायां भी पाहट उस वां। पथरा महं सजन उ मह. धीणा उधण सीह उ. व देव सिंह प्रमृति पंच कलेन श्री रातामिधान श्री महावीर देवस्य नेचाप्रयं? वर्ष स्थिति के कृत द्र० २१ चत्व विंशति। द्रम्माः वर्ष वर्ष प्रति समी मंडपिका पंच कुलेन दातव्याः पालनीयश्च बहुतिर्वसुघा भुक्ता राजभिः सगरादिभिः यस्य यस्य - . . यदा भूमि हस्य तस्य तदा फलं शुभं भवतु ।