Book Title: Jaina Inscriptions
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar

View full book text
Previous | Next

Page 295
________________ ( २६८) नोदिया (सिरोही) ( 962 ) संवत् ११३० वैसाष सुदि १३ नंदियक चैत्य साले वापी निर्मापिता सिव गणेः । (983 ) ॐ॥ सतिणि सील पंता । सद्धाव भक्ति संयुता ॥ जिन गृहे सैल स्तंमा द्वी। मंडप मूले पापिताः ॥ १ ॥ श्री महावीर स्वामि जी के मादर के स्तंभ पर । ( 36 ) ओ ॥ संवत् १२०१ भादवा सुदि १० सोम दिने निवा मार्या वरा पुत्र मोतिणि या स्तंभ का०२ ( 965 ) श्री विजयते ॥ संवत् १२९८ वर्षे पोस सुदि ३ राठउड पून सीहसुस रा० कमण श्रेयो) पुत्र भीमेण स्तंभो कारितः । श्री---- सूरि श्री--। कोटरा (सिरोही) ( 969 ) ॥पूर्व डीडिला ग्राम मल नायकः श्री महावीरः संवत् १२०८ वर्ष पिप्पल गच्छीय श्री विजय सिंह सूरिभिः प्रतिष्ठिसः पश्चात वीर पल्या प्रा. साह सहदेव कारित प्रसादे पिप्पालचार्य श्री वीर मन सूरिभिः स्थापितः। संवत् १४६५ वर्षे ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326