Book Title: Jaina Inscriptions
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar
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( २३९)
वरमांण (सिरोही)
( 967 )
सं० १३५१ वर्ष माघ वदि १ सोमे प्राग्वाट ज्ञातीय श्रे० साजण मा. राल्ह प. पून सीह मा० २ पद्मल जालू पुत्र पदमेन भा० मोहिणि पुत्र विजय सोह सहितेन जिन युगल युग्मं कारितं ॥ छ।
( 968 )
ओं० संवत १११६ वर्षे वैशाख वदि ११ बुधे ब्रह्माणीय गप महारक श्री मदन प्रस सूरि पहुं श्री नादिश्वर सूरि पट्टे श्री विजय सेन सूरि प? श्री रत्नाकर सूरि पट्टे श्री हेम तिलक सूरिभिः पूर्वं गुरु अयोर्थ रंग मंडपः कारापितः ॥
लोटाना (सिरोही)
( 989 )
संवत १३०८ वर्षे उदे सोह सुत पदम सीह ।
माकरोरा [ सिरोही
( 370 )
भी सुविधि जिन प्रासादात माकोड़ा मध्येः । संवत् १७८० घरपे कमल कलसा गच्छे महारिक श्री मत् रत्नसूरि प० कमल विजय गणि धेठाणा ७ संघाति चौमासु रह्या । मंहुता
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