Book Title: Jaina Inscriptions
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar
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(890)
मोटा सा० घना मु० दसरथ जीवा सा० अमरा सा० कोठारी करमसी सा० केसर सा० जगनाथसा• लषमा सा० राजा लाघा संषा तेजाः जीवाः पीथाः जगा अमरा रण छोड़ देवा देवा भगवान रामजी राज जोगा कल्याणः सुजाणः जोगाः रामजी आसा बाई चांपी बाई जगी समस्त श्राविक श्रावि-काइ सेवा भगत भली रीति कीधी संघस्य कल्याणाय भवतु ॥
धवली [ सिरोही ]
( 971 )
॥ सं० । १९६१ वैशाख शुक्ल ५ बुध वासरे श्री महावीर प्रसाद जीर्णोद्धार श्री संघेन प्राग्वाट ज्ञातीय सा० । खुबचंद मोती सा । लुंबा उमा सा । तलका वाला प्रमुख कारापितम् तस्यो परी ध्वज दंड गच्छ नायक श्री कमल कलसा गच्छेश महा० । श्री विजय महेंद्र सूरिस्वरभिः प्रतिष्ठितम् गं० । पं० डुंगर विजय वां० । नघु प्रमुख, इति ज्ञेयम् । शुभं
सीवेरा [ सिरोही ]
( 972 )
संवत् १३६५ वर्षे पंडित श्री माहा शिष्य जय कुशल जस कुसल कार्तिक चौमासु कीघु ठाणा: २ सीवेरा ग्रामे ।
जरिवल पार्श्वनाथ [ सिरोही ]
(973)
संवत् १४८३ वर्षे प्रथम वैशाख सुदि १३ गुरी श्री अंचल गच्छे श्री मेरु तुङ्ग सूरोणां पदोहरण श्री जय कीर्त्ति सूरीश्वर सुगुरुपदेशेन पत्तन वास्तव्य ओसवाल ज्ञातीय मीठ
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