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पिंडवाडा। सिरोही राज्यका यह स्थान भी प्राचीन है। यहां रेलवे स्टेशन है और सिरोही जाने वाले लोग यहां उतर कर जाते हैं।
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औं । संवत १९०३ वर्षे माह वदि शुक्र श्री सिरोही नगरे रायि दूर्जण सालजी श्री विजय राज्य प्राग वंशे साह गोयंद भार्या धनी पुत्र केल्हा मार्या चापलदे गुसदे पुत्र जीवा जिणदास केल्ला पीडरवाड़ा ग्रामे श्री माहावीर प्रासादे देहरी कारापितं श्री सपा गच्छे श्री कमल कलस सूरि तत्पर श्री विजय दान सूरि। साः जीवा श्रेयोर्थ सा. जीवा दिने १० अणसण सीधा संवत् १६०२ का० फागुण वदि ८ दिने अणसण सीधा शुभं भवतु कल्या०॥
( 947 ) ओ। संवत् १६.३ वर्षे माह वदि ८ शुक्र श्री सीरोही नगरे। रायि श्री दुर्जण साल जी विजय राज्य प्राग वंशे कोठारी छाछो भार्या हासिलदे पुत्र कोठारी यो पाल भार्या घेतलदे तस्य पुत्र कोठारी तेजपाल राज पाल रतन सी राम दास - -.-- वाई लाछल दे श्रेयो) पीडरबाडा ग्रामे श्री माहावीर प्रासादे देहरी कारापितं । श्री तपा गच्छे श्री हेम विमल सरि सत्पष्टुं श्री आणंद विमल सूरि तत्पी श्री विजय दान सूरि। शुभ प्रवतु कल्याणमस्तु श्रा० वा. सालदे अं।
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सं० १६०३ वर्षे माह वदि ८ शुक्र श्री सिरीही नगरे यि श्री दुर्जण साल जी विजय राज्ये प्राग वंशे कोठारी छाछा भार्या हासल दे पुत्र कोठारी श्री पाल भार्या पतलदे।