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संवत १६७७ ज्येष्ठ बदि ५ गुरुवारे पातसाहि श्री जिहांगीर विजय राज्ये साहियादा साहिजहां राज्ये ओसवाल ज्ञातीय गणधरचोपड़ा गोत्रीय स० नामा भार्या नयणादे पुत्र संग्राम भा० तोली पु० माला भा० माल्हणदे पु० देका भा० देवलदे पु० कचरा भा० कउडिमदे पु० अमरसी - भा० अमरादे पुत्ररत्न संप्राप्त श्रो अर्बुदाचल विमलाचल संघपति तिलक कारित युग प्रधान श्री जिन सिंह सूरि पह नंदि महोत्सव विविध धर्म कर्त्तव्य विधायक स० आस करणेन पितृव्य चांपसी भातृ अमीपाल कपूरचन्द स्वभार्या अजाइब पु० ऋषभदास सूर दास भ्रातृव्य गरीबदासादि सार परिवारेज यो स्वयं कारित मम्र्माणीमय बिहार शृंगारक श्री शांतिनाथ बिंबं कारित प्रतिष्टितं श्री महावीरदेव परंपरायत श्री वृहस्खरतर गच्छाधिप श्रीजिन भद्र सूरि संतानीय प्रतिबोधित साहि श्री मदकव्वर प्रदत्त युग प्रधान पदवीधर श्री जिन चंद्र सूरिविहित कथित काश्मीर विहार वार सिंदूर गर्जणा विविध देशामारि प्रवर्त्तक जहांगीर साहि : प्रदत्त युग प्रधान पद साधक श्रीजिनसिंह सूरि पट्टोत्तरं स खब्ध श्री अम्बिका वर प्रतिष्ठित श्री शत्रुंजयाष्ठमोद्धार प्रदर्शित भाण वडमध्य प्रतिष्ठित श्री पार्श्व प्रतिमा पीयूष वर्षण प्रभाव बोहित्थ वंशमण्डन धर्मसी घारलदे नन्दन महारक चक्रवर्त्ति श्री जिनराज सूरि दिन करैः ॥ आचार्य श्री जिन सागर सूरि प्रभृति यति राजः ॥ सुत्रधार सुजा । प्रतिष्ठित भहारक प्रभु श्री जिन राज सूरि पुरंदरैः श्रा मेडता नगर मध्ये ।