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मो॥ स्वरित श्रीप विक्रम समयासीस सं० १४४३ वर्षे कार्तिक बदि १४ शुक्रे श्री नहलाई नगरे चाहमानान्वय महाराजाधिराज श्री वणवीर देव सुत राज श्री रणवीर देव विजय गज्ये अत्रस्थ स्वच्छ श्री मदवहद्गच्छ नभस्सल दिनकरोपम श्री मानतुग सूरिवंशोद्भव श्री धर्मचन्द्र सृरि पट्ट लक्ष्मी श्रवणा उत्पलाय मान : श्री विनय चंद्र सूरि मिररूप गुण माणिक्य रत्नाकारस्य यदुवंश शृगार हारस्य श्री नेमीश्वरस्य निराकृत जगद विषादः प्रसाद समुदृधे आचंद्राक नन्दतात् ॥ श्रो॥
कोट सोलंकी।
( 5 ) ॐ ॥ स्वस्ति श्री न प विक्रम कालातोत संवत् १३९४ वर्ष चैत्र दि १३ शुक्र श्री मासल पुरे महाराजाधिराज श्री वण वीर देव राज्ये राउन मालहणान्वये राउत साम पुत्र राउत वांवी आर्या जाखल देवि पत्रण राउत मल राजेन श्री पार्श्वनाथ देवस्य ध्वजारोपण समये राउत बाला राउत हाथा कुमर लुआ नीवा समक्ष मात पित्रा: पुण्यार्थं ढिकय उबाडी सहितः प्रदत्तः आचंद्रार्क यावदियं व्यवस्था प्रमाण ॥ बह निर्व सुधा भुक्ता राजभिः सगरादिभिः । यस्य यस्य यदा अमी सस्य सस्य सदा फलं ॥ शुभ अवतु ॥ श्री॥
धानेराव।
( 66 ) मुंवत् १२१३ भाद्रपद सुदि ४ मंगल दिने श्री दंडनायक बैजल्ल देन राज्ये श्री वंस