Book Title: Jain Shabda Kosh Author(s): Ratnasensuri Publisher: Divya Sanesh Prakashan View full book textPage 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org गोडवाड के गौरव परम पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय रत्नसेनसूरीश्वरजी म.सा. का संक्षिप्त परिचय दीक्षा दाता गुरुदेव दीक्षा दिन गृहस्थ नाम माता का नाम पिता का नाम जन्मभूमि जन्म तिथि बचपन में धार्मिक अभ्यास दीक्षा संकल्प (ब्रह्मचर्यव्रत स्वीकार ) : 18 जुन 1974 व्यवहारिक अभ्यास समुदाय दीक्षा दिन विशेषता 108 मुमुक्षु वरघोडा दीक्षा स्थल : राजु (राजमल चोपडा) : चंपाबाई : छगनराजजी गेनमलजी चोपडा Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir : बाली (राज.) : भादो सुद-3, संवत् 2014 दि. 16-9-58 : पंच प्रतिक्रमण-नवस्मरण आदि : 1st year B.Com. (पार्श्वनाथ उम्मेद कॉलेज- फालना-राज.) : पू.पं. श्री हर्षविजयजी गणिवर्य : अध्यात्मयोगी पू. पंन्यास श्री भद्रंकरविजयजी गणिवर्य : माघ शुक्ला 13, संवत् 2033 दिनांक 2-2-1977 : शासन प्रभावक पू. आ. श्री रामचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. : भारत भर में लगभग 50 ऊपर दीक्षाएँ 9 जनवरी 1977, मुंबई : : न्याति नोहरा - बाली राज. 18 वर्ष 4 मास : 112 वर्ष : संवत् 2033 पाटण पू.पं. श्री हर्षविजयजी के सानिध्य में अभ्यास : प्रकरण, भाष्य, 6 कर्मग्रंथ, कम्मपयडी, पंचसंग्रह, न्याय, काव्य, कोश, संस्कृत-प्राकृत व्याकरण, संस्कृत - प्राकृत साहित्य वाचन, ज्योतिष, आगम वाचन आदि. दीक्षा समय उम्र मुमुक्षु अवस्था में गुरु सान्निध्य प्रथम चातुर्मास : भाषा बोध : हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, राजस्थानी, संस्कृत, प्राकृत, मराठी आदि प्रथम वचन प्रारंभ : फागुण सुदी 14, संवत् 2034 पाटण (गुजरात) • चातुर्मासिक प्रवचन प्रारंभ : बाली संवत् 2038 (पू. आ. श्री राजतिलकसूरीश्वरजी म.सा. के सान्निध्य में) चातुर्मासिक प्रवचन : बाली, पाली, • रतलाम, पाटण, अहमदाबाद (ज्ञानमंदिर), For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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