Book Title: Jain Agam Granthome Panchmatvad Author(s): Vandana Mehta Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPage 6
________________ अर्हम् शोध करना एक महत्त्वपूर्ण कार्य होता है। उसमें जितनी सूक्ष्मता आती है, उतना ही उसका महत्त्व बढ़ जाता है। वंदना मेहता ने 'जैन आगम ग्रन्थों में पंचमतवाद' पर शोध प्रस्तुत किया है। इससे पाठक का ज्ञान विवृद्धि को प्राप्त हो, शुभाशंसा। आचार्य महाश्रमण उसर (राजसमन्द), 21 अप्रैल, 2011Page Navigation
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